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योगी सरकार ने प्रदेश के मदरसों को दिया तगड़ा झटका, लिया धनराशि रोकने का फैसला…

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के सभी विभागों में सभी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए अपने मिशन को एक कदम और आगे बढ़ा दिया है. वे ऐसे मुख्यमंत्री है, जब से उन्होंने कुर्सी संभाली है तब से प्रदेश में परिवर्तन की लहर जाग उठी है.
उन्होंने किसी भी विभाग को नहीं छोड़ा है, चाहे वह धार्मिक हो या फिर सरकारी, भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों और संस्थानों को निलंबित कर दिया. लेकिन इस बार उन्होंने जो कदम उठाया है उससे सेक्युलर और विपक्ष को एक और मौका मिलेगा उनके खिलाफ बोलने का, उन्होंने प्रदेश के 46 मदरसों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई करते हुए जो भी भ्रष्टाचार और निधियों का दुरुपयोग करने में शामिल पाए गए है उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही लेने का फैसला किया है.
डीआईओएस (स्कूलों के जिला इंस्पेक्टर) के द्वारा राज्य सरकार को प्रस्तुत की गयी एक रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई हुई है. डीआईओएस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मदरसों में धन का दुरुपयोग किया जा रहा है और नकली बिल सरकार को सौंपे जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के 560 मदरसों को शिक्षकों और छात्रों के लिए भोजन, मदरसों के शिक्षकों और श्रमिकों के वेतन के लिए धन देती है. लेकिन हाल ही में यह पाया गया है कि विद्यालय और मदरसों के ज्यादातर शिक्षकों और श्रमिकों को निर्धारित राशि की तुलना में कम मजदूरी दी जाती है और अतिरिक्त उसमे बिलिंग अधिक दिखाई जाती है. कुछ कर्मचारियों और श्रमिकों ने पैसे के दुरुपयोग और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को निस्तारण के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की है.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन मदरसों में कोई कक्षा या पढाई नहीं होती है, और बजाय इसके वह कमरे अज्ञात लोगों द्वारा बैठकों और समारोहों के लिए इस्तेमाल किया जा रहे है. उत्तर प्रदेश सरकार जो कई संस्थानों की गतिविधियों की निरंतर निगरानी कर रही है, ने 46 मदरसों को अनियमितताओं पाए जाने के बाद सभी धनराशि को रोकने का निर्णय लिया.
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